मेरे हाल पर

मेरे हाल पर छोड़ दो मुझे तुम,
ख़्वाबों को जगाने वाले,
काँपते हाथ हैं ,
पाँव भी ना डगमगा जाएँ कहीं,
हमनें सीखा है सूखी रेत पर चलना,
हमें तुम उड़ते परिन्दों से भाव ना दो,
डगर-डगर चुभते राह में काँटे हैं,
फूलों का हसीन हमें तुम ख़्वाब ना दो ।।

Translate This Blog